कचरे से स्वच्छता दीदियों ने कमाए साढ़े 13 लाख रुपये
जहां एक ओर कचरा फेंकने की परंपरा है, वहीं कचरे को घर घर से सूखा और गिला अलग-अलग कर लेने से नगर निगम के तहत कार्य करने वाली स्वच्छता दीदी अतिरिक्त आय कमा रही हैं। निगम क्षेत्र अंतर्गत 48 वार्ड से मिले सूखे कचरे से स्वच्छता दीदियों को साढ़े 13 लाख रुपए से ज्यादा की आमदनी हुई है।
निगम के अंतर्गत कार्य करने वाली स्वच्छता दीदी अब वेस्ट से वेल्थ की ओर बढ; रही हैं। इसी का नतीजा है कि घरों से प्राप्त होने वाले सूखे कचरे जिसमें कागज, पुट्ठा, सीसी-बोतल, प्लास्टिक के टूटे-फूटे सामान के साथ लोहा टीना के डिब्बे को बेचकर अब तक में 13 लाख 59577 रुपए की अतिरिक्त आमदनी कमाई की गई। निगम के अंतर्गत 145 स्वच्छता रिक्शा संचालित है। इसमें 316 स्वच्छता दीदी वर्तमान में कार्यरत हैं, जो शहर के 48 वार्डों से घर-घर कचरा लेकर निगम के अंतर्गत 10 एसएलआरएम सेंटर में छटनी करती हैं। एक ओर जहां गीले कचरे से खाद बनाने का काम किया जा रहा है। इसी तरह सूखे कचरे से स्वच्छता दीदियों की आर्थिक स्थिति मजबूत भी हो रही है। हर माह सूखे कचरे से प्राप्त रुपए को स्वच्छता दीदियों के अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता है। अक्टूबर में स्वच्छता दीदियों ने 166250 रुपए के कबाड; की बिक्री की है। इसी तरह नवंबर माह में दिवाली त्यौहार होने के कारण घरों की साफ-सफाई की परंपरा है। घर के टूटे-फूटे कचरे को अधिकांश लोग बाहर फेंक देते हैं, इसलिए नवंबर में यह आय और बढ;ने की संभावना जताई जा रही है।