गर्वमेंट निजीकरण को लेकर अपना रुख क्लियर कर चुकी है. इसी क्रम में अब सरकार IDBI बैंक को प्राइवेट करने की तयारी में जुट गई है. इसमें गर्वमेंट की 45.48 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि एलआईसी LIC की 49.24 प्रतिशत हिस्सेदारी है. लेकिन जुलाई में इस बैंक की निजीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी.
जुलाई में शुरू होगा निजीकरण
निजीकरण के खिलाफ सरकारी कर्मचारी लगातार हड़ताल कर रहे हैं, बावजूद इसके गर्वमेंट ने अपना पक्ष साफ कर दिया है. सरकार IDBI बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया जुलाई में शुरू करने जा रही है. विभाग से संबंधित एक अधिकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार जुलाई के अंत तक बैंक के निजीकरण के लिए प्रारंभिक निविदाएं आमंत्रित कर सकती है.
मिंट में छपी खबर के मुताबिक, अधिकारी ने बताया है कि निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग फिलहाल अमेरिका में IDBI आईडीबीआई बैंक की बिक्री के लिए रोड शो कर रहा है. इसके बाद प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है. अधिकारी ने कहा, ‘हमें IDBI रणनीतिक बिक्री पर आरबीआई के साथ एक और दौर की चर्चा की जरूरत हो सकती है.
सरकार की इस बैंक में 45.48 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि इसमें एलआईसी की 49.24 प्रतिशत हिस्सेदारी है. आपको बता दें कि मई 2021 में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने IDBI बैंक में रणनीतिक विनिवेश और प्रबंधन नियंत्रण के ट्रांसफर को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी.
लगभग आधे दर्जन से अधिक सार्वजनिक कंपनियों की सूची बनी हुई है. इनमें शिपिंग कॉर्प, कॉनकॉर, विजाग स्टील, आईडीबीआई बैंक, एनएमडीसी का नगरनार स्टील प्लांट और एचएलएल लाइफकेयर को शामिल किया गया है. इतना ही नहीं, सरकार चालू वित्त वर्ष 2022-2023 में अब तक सरकार केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (CPSE) के विनिवेश से 24,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटा चुकी है.
इस पूरे वित्त वर्ष के लिए सरकार ने 65,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है. पिछले वित्त वर्ष में केंद्रीय उपक्रमों में विनिवेश के जरिये 13,500 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा हुई थी जिसमें एयर इंडिया के निजीकरण से मिली रकम भी शामिल है.