अस्पताल ले जाने के बदले ग्रामीणों ने लगाया गोबर का लेप
आकाशीय बिजली से मृत व्यक्ति को जिंदा करने के लिए उसके शरीर को गोबर में गाड़ दिया जाता है. ऐसा अक्सर ग्रामीण इलाकों में देखने को मिलता है. ऐसा की एक मामला सरगुजा जिले के गांधीनगर थानाक्षेत्र में सामने आया है. जहां आकाशीय बिजली की चपेट में आने से झुलसी दो बालिकाओं को गोबर में गाड़ दिया गया.
अम्बिकापुर शहर से लगे ग्राम पंचायत ठाकुरपुर के सुपेलपारा निवासी रोशनी तिग्गा (10 वर्ष) और आस्था तिग्गा (8 वर्ष) अपने घर के पीछे आम के पेड़ के पास खेल रही थी. इस दौरान अचानक मौसम बदला और तेज हवा के साथ बारिश होने लगी. तब बारिश से बचने के लिए दोनों बालिकाएं पेड़ के नीचे खड़ी हो गई. इसी बीच वहां तेज आवाज के साथ आकाशीय बिजली गिरी. इसकी चपेट में आने से दोनों झुलसकर बेहोश हो गईं. इस घटना की जानकारी परिजनों और मोहल्लेवासियों को लगी. इसी बीच किसी ने गोबर का लेप चढ़ाने या गोबर में गाडऩे से आकाशीय बिजली का प्रभाव कम होने की बात कही. इसके बाद दोनों बेहोश बालिकाओं को अस्पताल नहीं ले जाकर गोबर में गर्दन तक गाड़ दिया गया.
वहीं बालिकाओं के गोबर में गाड़े जाने की सूचना किसी ने पुलिस की टीम को दी. सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और परिजनों को समझाइश देकर गोबर से बाहर निकलवाया. इसके बाद दोनों बालिकाओं को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है. यहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.
बहरहाल, ठाकुरपुर में हुई इस घटना के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि ग्रामीण क्षेत्र में आज भी ये अंधविश्वास कायम है कि गोबर आकाशीय बिजली के प्रभाव को कम कर देता है. आकाशीय बिजली से मृत व्यक्ति भी इससे जिंदा हो जाता है.