रायपुर में सोमवार को कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्ताओं ने अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में सत्याग्रह किया। रायपुर पश्चिम विधानसभा के विधायक विकास उपाध्याय की अगुवाई में पं. रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी गेट के पास स्थित हनुमान मंदिर के सामने प्रदर्शन हुआ। कांग्रेस नेताओं ने सुंदरकांड का पाठ कर केंद्र सरकार की सद्बुद्धि की प्रार्थना की।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दुर्ग जिले के पाटन विधानसभा सोमवार को पहुंचे थे। सीएम पाटन से ही विधायक हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना देश के लिए घातक है। मुख्यमंत्री ने कहा रिटायरमेंट के बाद लोग अपने बच्चों और अपने पोतों की शादी करते हैं। मगर केंद्र सरकार ऐसे योजना लाई है। जिसमें रिटायरमेंट के बाद युवक अपनी शादी करेगा।
कांग्रेस ने प्रदेश के सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में सत्याग्रह की घोषणा पिछले सप्ताह की थी। तीन दिन पहले सभी ने जगह तय कर लिया। एक दिन पहले से ही इसकी तैयारियां शुरू हो गई। आज सुबह 10 बजे से ही सत्याग्रह के मंच पर कार्यकर्ताओं का जुटना शुरू हो गया। रायपुर दक्षिण विधानसभा के कार्यकर्ताओं ने मोतीबाग के पास राजीव गांधी चौक पर प्रदर्शन किया। वहीं रायपुर उत्तर क्षेत्र के विधायक कुलदीप सिंह जुनेजा ने देवेंद्र नगर में अपना पंडाल लगाया।
इधर, रायपुर पश्चिम के कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी गेट के पास स्थित हनुमान मंदिर से सड़क तक मंच लगा दिया। वहां नेताओं ने पहले मंदिर में हनुमान जी की पूजा की। उसके बाद ढोलक, झाल और की-पैड के साथ कार्यकर्ताओं ने रामचरित मानस के सुंदरकांड का पाठ शुरू कर दिया।
विधायक विकास उपाध्याय ने कहा, यह योजना देश के साथ धोखा है। इससे सेना भी कमजोर होगी और सैनिक बनने के लिए कई सालों से मेहनत कर रहे युवा भी चार साल की सर्विस से निराश होंगे। इससे उनका मनोबल भी टूटेगा। विधायक विकास उपाध्याय ने कहा अग्निपथ योजना को लेकर भारत देश के सभी युवाओं में आक्रोश का माहौल निर्मित हुआ है, जिसकी जिम्मेदार भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र सरकार है। यह अग्निपथ योजना भी तीन कृषि कानूनों की तरह ही है और इसे भी केन्द्र सरकार को वापस लेना होगा।
इसी तरह का विरोध, बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर, राजनांदगांव, धमतरी में भी हुआ है। कोरबा में मंत्री जयसिंह अग्रवाल और सांसद ज्योत्सना महंत की अगुवाई में सुभाष चौक में कांग्रेसियों ने सत्याग्रह किया। इस दौरान केंद्र पर निशाना साधते हुए मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने पहले 18 से 21 फिर 21 से 24 साल तक के युवाओं को सेना की चार साल तक की ट्रेनिंग देने की योजना लाई है। ये वही समय होता है,जब युवा कॉलेज की पढ़ाई में व्यस्त होते हैं। ऐसे में चार साल की आधी-अधूरी नौकरी के कारण उनका जीवन बर्बाद हो जाएगा।