पढ़ाई का स्तर जांचने शिक्षा मंत्रालय ने ली 5224 बच्चों की परीक्षा
जिले में पढ़ाई का स्तर कैसा है यह जानने के लिए शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार ने 179 स्कूलों में नेशनल एचीवमेंट सर्वे के तहत परीक्षा का आयोजन किया। राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित इस परीक्षा में देश भर के 733 जिले के बच्चे शामिल हुए। इसमें कोरबा जिले के कक्षा तीसरी, पांचवी, आठवीं और दसवीं के 5224 बच्चों ने भागीदारी निभाई। परीक्षा का उद्देश्य केंद्र द्वारा दिए जा रहे संसाधन का कितना उपयोग हो रहा है, यह जानना है। इस परीक्षा की जांच दिल्ली में होगी। परिणाम के बाद ही राज्य सहित जिले भर के स्कूलों की पढ़ाई के स्तर का पता चलेगा। परिणाम के आधार पर शिक्षा नीति में बदलाव लाया जाएगा।
शिक्षा मंत्रालय यह परीक्षा प्रत्येक तीन वर्ष में लेती है। इससे पहले 2017 में परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा यह आकलन किया जाता कि शिक्षा लिए दी जा रही केंद्रीय मद का कितना सही उपयोग हो रहा है। परीक्षा आयोजन के नोडल अधिकारी गौरव शर्मा ने बताया परीक्षा में शामिल होने वाले बच्चों का चयन (एनसीईआरटी) राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं परीक्षण परिषद और मानव संसाधन मंत्रालय ने किया है। परीक्षा आयोजन के संबंध में नोडल अधिकारी शर्मा ने बताया कि सभी कक्षाओं के लिए प्रश्न पत्र एनसीईआरटी ने तैयार किया है। सीजी और सीबीएसई माध्यम में पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए एक ही तरह के प्रश्न पत्र बनाए गए। प्रश्न पत्र में वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के चार विकल्प दिए गए थे, जिसमें से सही विकल्प को ओएमआर सीट में भरना था। परीक्षा आयोजन की जिम्मेदारी जिला शिक्षा विभाग और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण केंद्र को दी। नोडल अधिकारी ने बताया वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को हल करने के लिए बच्चों को पहले ही तैयारी कराई गई थी। परीक्षा में 105 सरकारी और 80 स्कूलों को शामिल किया गया था। इसी तरह अनुदान प्राप्त 11 और केंद्रीय व नवोदय सहित 14 स्कूलों ने भागीदारी निभाई। परीक्षा में पोड़ी उपरोड़ा के 26, पाली के 29, करतला के 16, कटघोरा के 51 और कोरबा 57 स्कूलों के बच्चों ने भागीदारी निभाई। तीसरी से पांचवी कक्षा के लिए परीक्षा आयोजन का समय सुबह 10.30 से 12 बजे रखा गया था। वहीं आठवीं और दसवीं की परीक्षा सुबह 10.30 से 12.30 बजे के बीच आयोजित की गई।