रविवार की दोपहर नवा रायपुर की सड़कों पर किसान और पुलिस के बीच जबरदस्त पुलिस के बीच झड़प हो गई। गुस्साए किसानों ने उन्हें रोकने आए इंस्पेक्टर को धक्का दे दिया, गुस्साए इंस्पेक्टर ने किसान को पकड़ा तो बाकि के साथी भी भड़क उठे और जमकर बवाल हुआ।
दरअसल मुआवजे और अधिकार पट्टे की मांग को लेकर नवा रायपुर के प्रभावित किसानों ने मुख्यमंत्री आवास घेरने निकले थे। बीच रास्ते में ही अलग-अलग स्थानों पर इन किसानों को पुलिस ने रोक दिया।
काेठराभाटा, उपरवारा, परसदा, राखी जैसे 8 से 10 में पुलिस की टीम कई जीप और बस लेकर घुसी। किसान ट्रैक्टर और पिकअप वाहनों से CM आवास घेरने जा रहे थे। गांवाें में ही सभी को रोक लिया गया। किसान नेताओं को पुलिस ने पहले पकड़ लिया। नेताओं के साथ मौजूद किसानों को भी बसों में भरकर अलग-अलग जगहों पर अस्थाई जेल बनाकर भेजा गया। किसी को राखी थाने, किसी को आरंग तो किसी को तूता में बने धरना स्थल ग्राउंड भेजा गया।
इधर अलग-अलग गांवों में जब रविवार को पुलिस का एक्शन शुरू हुआ तब तक कुछ किसान कृषि महाविद्यालय के सामने जोरा ग्राउंड में पहुंच चुके थे। यहां से पैदल मार्च निकालकर किसान सिविल लाइंस तक आने वाले थे। फौरन पुलिस की एक टीम बस लेकर यहां भी पहुंच गई और किसानों को बस में बैठाने लगी, ये देखकर किसानों की भीड़ भड़क गई। पुलिस अफसरों को भी किसानों को समझाने में मशक्कत करनी पड़ी।
जोरा में किसानों और पुलिस के बीच जबरदस्त धक्का-मुक्की ।
जोरा में किसानों और पुलिस के बीच जबरदस्त धक्का-मुक्की हुई। कुछ सड़क पर लेट गए तो कुछ गाड़ी के सामने। जैसे तैसे इन किसानों को पुलिस अलग अलग गाड़ियों में यहां से लेकर रवाना हुई। किसान आंदोलन से जुड़े नेता ओमप्रकाश चंद्राकर ने बताया कि 200 से ज्यादा किसान प्रतिनिधियों को पुलिस ने जबरन गिरफ्तार कर लिया। ये आंदोलन नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के बैनर तले हुआ। ये वो किसान हैं जिनकी जमीनें लेकर नवा रायपुर विकसित किया गया।