छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार ने CGPSC के लिए एक अलग आयोग बनाया है। इसके चीफ UPSC के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. प्रदीप कुमार जोशी होंगे। यह आयोग संघ लोक सेवा आयोग की तर्ज पर सीजीपीएससी परीक्षाओं को पारदर्शी बनाने के लिए सुझाव देने का काम करेगा।
दरअसल, प्रोफेसर डॉ. प्रदीप कुमार जोशी को UPSC में काम करने का लंबा अनुभव है। कोशिश की जा रही है कि CGPSC के एग्जाम भी UPSC की तर्ज पर हों। जोशी अब इसके लिए अपनी टीम के साथ परीक्षा आयोजन का वार्षिक कैलेंडर बनाने का भी काम करेंगे।
- बीजेपी ने पिछले साल जिसे CGPSC घोटाला बताया, उसकी जांच CBI से करवाने की प्रक्रिया चल रही है। पूर्व अध्यक्ष टामन सोनवानी पर कार्रवाई का वादा है। उन पर FIR हो चुकी है।
- जितनी परीक्षाओं में गड़बड़ी हुई है, सभी को रद्द कर फिर से परीक्षा करवाएंगे।
- हर प्रतिभागी की आंसर शीट को ऑनलाइन कार्बन कॉपी उपलब्ध कराएंगे। 100 प्रतिशत पारदर्शिता होगी।
- पीएससी के हर एग्जाम सेंटर में परीक्षा के दौरान वीडियोग्राफी कराई जाएगी।
- यूपीएससी और पीएससी के एग्जाम में कई बार तारीख का क्लैश होता है। इसे ध्यान में रखकर कैलेंडर तैयार करेंगे।
इन नामों की वजह से हुआ विवाद
पिछले साल CGPSC के रिजल्ट में टॉप-20 में जितने लोगों का नाम है, वे बड़े अधिकारी, बिजनेसमैन या फिर कांग्रेस नेताओं के रिश्तेदार हैं। पहले नंबर पर प्रज्ञा नायक है, जिनके पिता तो शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं लेकिन इनके चाचा प्रकाश नायक पुलिस विभाग में डीएसपी रैंक के अधिकारी और राजनांदगांव में पदस्थ हैं।
प्रज्ञा के भाई प्रखर नायक को भी टॉप-10 में जगह मिली है। दूसरे अंबर पर अनन्या अग्रवाल का नाम है। जिसे एक बड़े कारोबारी परिवार का सदस्य होना बताया जा रहा है। इसके बाद शशांक गोयल और भूमिका कटिहार का नाम है। ये दोनों पति-पत्नी हैं, जो कांग्रेस नेता सुधीर कटियार की बेटी और दामाद हैं।
हर साल यूपीएससी एग्जाम कैलेंडर जारी करता है। अब CGPSC भी ऐसा करेगा। यह कैलेंडर साल भर होने वाली भर्ती परीक्षाओं के लिए होता है। खबर है कि राज्य के हर ब्लॉक में प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन के लिए परीक्षा केंद्र भी बनेंगे।
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने शासन के सभी विभागों से अगले तीन साल में भरे जाने वाले खाली पदों की जानकारी मांग पत्र के साथ मांगी है।