छत्तीसगढ़ सरकार तीन नए जिले बनाने पर विचार कर रही है। इनमें से कोई भी तीन जिले वाड्रफनगर, नगरी-सिहावा, भाटापारा, पत्थलगांव, खैरागढ़, पंडरिया, सरायपाली हो सकते हैं।
छत्तीसगढ़ में 3 और नए जिले बनने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार संभावित जिलों में वाड्रफनगर, नगरी-सिहावा, भाटापारा, पत्थलगांव, खैरागढ़, पंडरिया, सरायपाली कोई 3 जिले हो सकते हैं। भविष्य में दिवाली से ठीक पहले इनकी घोषणा हो सकती है। इनमें से कुछ नए जिलों के पीछे राजनीतिक कारण भी हैं। संकेत मिल रहे हैं कि दिवाली से ठीक पहले 3 नए जिलों और नई तहसीलों का आकार और सीमाएं तय होने के बाद 3 और जिलों का खाका तैयार होना शुरू हो जाएगा। मंत्रालय के गलियारों में तैर रही खबरों पर यकीन करें तो सरकार के निर्देश पर अधिकारी नए जिलों की संभावना तलाशने में जुटे हैं।
ये हैं 33 जिले…….
बिलासपुर, रायगढ़, दुर्ग, रायपुर बस्तर, सरगुजा, राजनांदगांव, धमतरी, कबीरधाम, जांजगीर, कोरबा, कांकेर, दंतेवाड़ा, महासमुंद जशपुर, कोरिया, बालोद, बलौदाबाजार, बलरामपुर, गरियाबंद, कोंडागांव, बीजापुर, बेमेतरा, मुंगेली, नारायणपुर, सुकमा, सूरजपुर, गवरेला, सारंगढ़, सक्ती, मोहला, मानपुर, मनेडगढ़, छुईखदान
ऐसे काम करती है जिला गठन की प्रक्रिया…
मुख्य सचिव लिखित में राजस्व विभाग को सरकार के निर्णय से अवगत कराएंगे।
राजस्व विभाग इसके लिए वित्त विभाग से आवंटन मांगेगा।
नए जिलों के प्रस्ताव पर कैबिनेट में चर्चा कर संशोधन किया जाएगा।
इसे राजपत्र में प्रकाशित किया जाएगा, किसी अधिकारी को ओएसडी बनाया जाएगा।
जनता से दावे-आपत्ति भी मांगी जाएगी।
स्थापना व्यय, आवंटन जारी होने के बाद अधिकारियों-कर्मचारियों की पदस्थापना,
नए रिक्त पदों पर भर्ती, फर्नीचर व अन्य बुनियादी सुविधाएं
इसके बाद पहले ओएसडी और फिर नए कलेक्टर की नियुक्ति की जाएगी।