December 22, 2024

छत्तीसगढ़

नेता की पत्नी की फर्जी नियुक्ति का मामला ; 2007 में फर्जी नियुक्ति 2018 में संविलियन भी कई शिकायत के बाद अब शिक्षा विभाग ने विभागीय जांच बैठाई

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा की पत्नी श्रीमती चित्ररेखा शर्मा की नियुक्ति और स्थानांतरण मामले को लेकर हुए खुलासे के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने पूरी शिकायत को गंभीरता से लेते हुए इसमें विभागीय जांच बैठा दी है। मामले में शिक्षा विभाग की तरफ से जेडी को पत्र जारी कर प्रमुख बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है इसके बाद जेडी ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया है। इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी जशपुर ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी को तीन दिवस के भीतर इस मामले की जांच करके अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।

यह था मामला

दरअसल चित्ररेखा शर्मा वर्तमान में शासकीय प्राथमिक शाला मोपका में सहायक शिक्षक एलबी के पद पर कार्यरत है जिसकी नियुक्ति और स्थानांतरण को लेकर मुंगेली के सामाजिक कार्यकर्ता राजेश धृतलहरे ने विभाग के उच्च अधिकारियों को तमाम दस्तावेजों के साथ इस बात की जानकारी दी है की नियुक्ति शासकीय प्राथमिक शाला उरांवपारा (दर्रापारा) में कभी हुई ही नहीं है और उन्होंने फर्जी नियुक्ति और स्थानांतरण आदेश के जरिए सीधे 2007 में जनपद पंचायत बिल्हा में पदभार ग्रहण कर लिया और 2018 में उनका संविलियन भी स्कूल शिक्षा विभाग में हो गया।

इधर मामले की शिकायत होने के बाद

शासकीय प्राथमिक शाला उरांवपारा में पदस्थ शिक्षिका नीलम टोप्पो ने मीडिया के समक्ष यह बयान देकर मामले का भंडाफोड़ कर दिया की उनकी भी नियुक्ति 11 जनवरी 2007 को हुई है और कक्षा 12 वी में 65 प्रतिशत होने के बाद भी उनकी नियुक्ति अनुसूचित जाति के तहत हुई है, ऐसे में 11 जनवरी 2007 को चंद्र रेखा शर्मा की नियुक्ति 44 प्रतिशत यानी तृतीय श्रेणी के साथ सामान्य वर्ग में होना संभव ही नहीं है।

चंद्ररेखा शर्मा के पास

उस समय d.ed और स्नातक इत्यादि की भी कोई डिग्री नहीं थी साथ ही नीलम टोप्पो जिसकी वास्तविक नियुक्ति हुई है उसका आदेश क्रमांक 229 है वही चंद्ररेखा शर्मा ने जो नियुक्ति आदेश विभाग में जमा किया है वह 2229 है तो क्या एक नगर पंचायत में एक ही दिन में 2000 नियुक्ति पत्र जारी हुए हैं जो की संभव ही नहीं है। नीलम टोप्पो के बयान के बाद यह माना जाने लगा कि उन्हीं के आदेश को आधार बनाकर नया फर्जी आदेश जारी करवाया गया है। नीलम टोप्पो ने इस बात का भी खुलासा किया है कि 11 जनवरी 2007 से वह लगातार वहां नौकरी कर रही हैं लेकिन आज तक उन्होंने या उनके स्टाफ ने कभी चंद्ररेखा शर्मा को स्कूल में पाया ही नहीं यदि उनकी नियुक्ति हुई होती तो वह स्कूल तो अवश्य आती।+