धमतरी नगर निगम पर संकट के बादल छाए हुए हैं. पेट्रोल-डीजल के 20 लाख रुपए से अधिक के कर्ज में नगर निगम डूबा हुआ है. जिसके चलते कई महीनो से पेट्रोल पंप संचालक को भुगतान नहीं हो पाया है. अब इस मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्षद लगातार हमलावर नजर आ रहे हैं.
धमतरी निगम के नेता प्रतिपक्ष नरेंद्र रोहरा का कहना है कि इतनी ज्यादा कर्ज और उधारी से निगम की छवि लगातार खराब होती जा रही है. सिर्फ डीजल पेट्रोल नहीं बल्कि अलग-अलग विकास कार्य के ठेकेदारों को भी लंबा चौड़ा भुगतान करना बाकी है.
फंडिंग की कमी से बनी स्थिति
वहीं धमतरी नगर निगम की कमिश्नर ने बताया कि फंडिंग की कमी होने के कारण इतनी ज्यादा कर्ज की स्थिति बनी है. धमतरी निगम अपने आय के स्रोतों का अध्ययन कर रहा है और कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द इस भारी कर्ज के बोझ से मुक्ति पाई जा सके.
बता दें कि 40 वार्ड के 2 लाख लोगों के लिए धमतरी नगर निगम पानी, बिजली, साफ-सफाई जैसे महत्वपूर्ण कामों को पूरा करने के लिए चार जेसीबी सहित 50 वाहन का इस्तेमाल करता है. टैक्स वसूली में कमजोर, राशियों के व्यवस्थापन और उपयोग में असफल होने से धमतरी नगर निगम शुरूआत से ही सरकार पर निर्भर रहता है. लेकिन खराब प्रबंधन के चलते सीधा प्रभाव जनता पर ही पड़ता है.