
छत्तीसगढ़ की रायपुर पुलिस ने 10 साल से फरार महिला आरोपी को गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार की है। शहर के थाना कबीर नगर क्षेत्रांतर्गत में आरोपी अपने पति के साथ मिलकर आदिवासी बच्चों से काम करवाती थी। मामले में पति को आजीवन कारावास की सजा मिली है। वहीं अब फरार महिला आरोपी भी पुलिस के गिरफ्त में है।
आरोपी दंपति कबीर नगर फेस-4, रायपुर में रहते थे. दंपति बस्तर मित्र फाउंडेशन के नाम से एक फर्जी संस्था बना रखी थी. इस फर्जी संस्था की आड़ में उन्होंने जवाहर उत्कर्ष योजना के तहत तीन आदिवासी बच्चों को उच्च शिक्षा के बहाने अपने घर बुलाया, लेकिन शिक्षा दिलाने के बजाय बच्चों से झाड़ू-पोछा, बर्तन धोना, गाड़ी साफ करना, हाथ-पैर दबवाना जैसे घरेलू काम करवाए जाते थे. बच्चों को परिवार से बात करने तक की अनुमति नहीं दी जाती थी.
इस मामले में थाना कबीर नगर में मामला दर्ज किया गया था. पुलिस टीम ने गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश में छापेमारी कर फरार चल रही बिनीता शर्मा को गिरफ्तार किया. इस ऑपरेशन में नगर पुलिस अधीक्षक अमन कुमार झा, थाना कबीर नगर के सहायक उप निरीक्षक घनश्याम साहू, महिला आरक्षक शारदा ध्रुव एवं कंचन लता खालको, और आरक्षक राधेश्याम सिंह (ACCU) की महत्वपूर्ण भूमिका रही.
सन 2014-15 में जवाहर उत्कर्ष योजना के तहत जिला कांकेर के तीन आदिवासी बच्चों का चयन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने के लिए किया गया था, आरोपी सतीश शर्मा ने बस्तर मित्र फाउंडेशन के नाम से झूठी जानकारी देकर रजिस्ट्रार फॉर्म और संस्थाएं इंद्रावती भवन नया रायपुर से रजिस्ट्रेशन करवा कर वेदांता इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल का प्रमाणीकरण शिक्षा विभाग से करवाकर आदीम जाति एवं अनुसूचित जाति के आदिवासी क्षेत्र के छात्रों को उत्कर्ष विद्यार्थी योजना/जवाहर उत्कर्ष योजना के तहत प्राप्त कर अपने निवास कबीर नगर फेस 4 में आरोपी अपनी पत्नी बिनीता शर्मा के साथ रहते थे।
