इस पेड़ की से होती है रबर की खेती , 40 साल तक सरकार दे रही है पौधे का ख़र्च अब छत्तीसगढ़ में ही होगा रबर उत्पादन ।
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से राज्य में रबड़ की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि प्रदेश के किसानों की इनकम बढ़ सकें। इसके लिए सरकार की ओर से किसानों को पौध साम्रगी, खाद-उर्वरक व रबड़ की खेती में आने वाला मजदूरी का खर्च भी उपलब्ध। किसानों को रबड़ की खेती के लिए 7 साल तक सहायता दी जा सकती है।
छत्तीसगढ़ के बस्तर में अब रबर का उत्पादन भी हो सकेगा। केरल के राष्ट्रीय रबर अनुसंधान संस्थान एवं कृषि महाविद्यालय जगदलपुर ने रबर प्लांटेशन की तैयारी शुरू की है।
बस्तर में पहले भी रबर प्लांटेशन का प्रयोग किया गया था
लेकिन बाद में यह प्रयोग आगे नहीं बढ़ा। इस बार योजना यह है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को रबर प्लांटेशन से जोड़कर उनकी खाली पड़ी जमीन पर रबड़ के पौधे लगाए जाएंगे। इसके लिए जिला प्रशासन ने दोनों ही संस्थानों से बातचीत भी की है और किसानों को जल्द ही रबड़ के पौधे भी उपलब्ध कराने की योजना है।
शुरुआत में करीब 200 हेक्टेयर में इसके प्लांटेशन की तैयारी की जा रही है, जिसे बाद में बढ़ाया जाएगा। प्रायोगिक तौर पर रबर के उत्पादन के लिए और प्रसंस्करण के लिए तैयारी स्थानीय स्तर पर की जाएगी।कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि बस्तर के साथ-साथ छत्तीसगढ़ का मौसम भी रबर उत्पादन के लिए अनुकूल है। इसीलिए प्रायोगिक तौर पर इसकी तैयारी की जा रही है। एक बार बेहतर उत्पादन होने से किसानों को दूसरी फसलों पर निर्भरता की कमी होगी और साथी आय के लिए बेहतर स्रोत उपलब्ध होंगे।
गौरतलब है कि बस्तर की पथरीली जमीनों पर पाम का प्लांटेशन पहले ही चल रहा है और इसके साथ-साथ रबड़ के प्लांट भी लगाने की योजना है जिससे कम रकबे में ज्यादा कृषि लाभ किसान ले पाए।