शहर से लेकर गांव तक अब राज्य सरकार अपनी एक-एक इंच सरकारी जमीन की खोजबीन करेगी और इसे सुरक्षित रखने का काम भी होगा। राज्य शासन ने प्रदेशभर के कलेक्टरों को पत्र लिखकर प्रभार वाले जिले की शासकीय भूखंडों की जानकारी इकठ्ठा करने और उसे सुरक्षित रखने का फरमान जारी कर दिया है। सर्वे के दौरान राजस्व अमला इस बात की जानकारी जुटाएगा कि शहर से लेकर गांव में कितनी शासकीय भूखंड है और वर्तमान में उसकी क्या स्थिति है।
नायब तहसीलदार और पटवारी आने वाले दिनों में गांव में नजर आएंगे।
राजस्व से संबंधित दस्तावेजों के साथ गांव जाएंगे और गांव की एक-एक इंच सरकारी जमीन का सर्वे करेंगे। सर्वे के दौरान इस बात की जानकारी जुटाएंगे कि राजस्व दस्तावेजों के अनुसार संबंधित गांव में कितने हेक्टेयर शासकीय भूखंड है। अभी कितने एकड़ जमीन सुरक्षित है और कितने एकड़ में अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर लिया है। सर्वेक्षण के बाद राजस्व दस्तावेजों की एक नई तस्वीर उभरकर सामने आएगी।
प्रदेश में शहर से लेकर ऐसा कोई गांव नहीं है जहां अतिक्रमणकारियों ने सरकारी जमीन पर कब्जा ना किया हो। शहर व गांव दोनों ही जगह बहुत खराब स्थिति है। बिलासपुर जिला मुख्यालय की बात करें तो सकरी,तिफरा,देवरीखुर्द,मोपका,चिल्हाटी,लिंगियाडीह,राजकिशोर नगर,लालखदान ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां सबसे ज्यादा शिकायत है। इन क्षेत्रों में भूमाफिया का इतना दबदबा है कि सरकारी जमीन का फर्जी राजस्व दस्तावेज बनाकर लोगों को बेच दे रहे हैं।
शासकीय भूखंडों को निजी दस्तावेजों में समाहित करने में राजस्व विभाग के मैदानी अमला का भी कम हाथ नहीं है।
माफिया से मिलीभगत कर इस काम को बखूबी अंजाम देने वाले लोग भी विभाग के ही हैं। राजस्व दस्तावेजों में कितनी शासकीय भूखंड है। यह भूखंड किसके निजी जमीन से लगी है यह जानकारी राजस्व विभाग के पास ही मिल सकती है। गोपनीय जानकारी मिलने के बाद माफिया अपने खेल को अंजाम तक पहुंचाने के लिए इनकी मदद लेते हैं।
एक गड़बड़ी ऐसी भी
राजस्व दस्तावेजों में हेराफेरी का आलम ये कि निस्तारी व सरकारी जमीन में भी चालाकी के साथ बदलाव कर दिया है। सरकारी जमीन को निस्तारी जमीन के रूप में राजस्व दस्तावेजों में चढ़ाकर लाखों स्र्पये का खेल खेला जा रहा है।
मिसल को दुस्र्स्त करना जस्र्री
शासकीय व निजी जमीनों का मूल रकबा व मिसल अभिलेख का समुचित रखरखाव ना होने के कारण भू अभिलेख विभाग में राजस्व दस्तावेज टुकड़ों में तब्दील हो गया है। दीमक के कारण भी जीर्ण शीर्ण हो गया है। सरकारी जमीन के सर्वे के दौरान नए सिरे से राजस्व दस्तावेज बनकर तैयार हो जाएगा। साथ ही इस बात की जानकारी भी मिल जाएगी कि वर्तमान में सरकारी जमीन की क्या स्थिति है।