संगवारी हो हमर छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी हा नंदावत हे लेकिन कुछ लोगन हवे जेन मन छत्तीसगढ़ी अउ छत्तीसगढ़ी कल्चर ला आगे बढ़ाय मा अपन विशेष योगदान देवत हे अइसे हि एक छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के युवा लकी वर्मा ….जेन हा अपन बिहाव मा बारात ला बैलेगाड़ी मा निकालिस जेकर सब लोगन मन सराहना करत हे,बारात तो बारात बाराती मन भी पूरा छत्तीसगढ़ी वेश-भूषा मा रहिन…
रायपुर । आजकल के दौर में जहां एक तरफ लोग आधुनिकता को अपनाते जा रहे हैं. तकनीकी और तामझाम को दिखाने की ओर अग्रसर हैं. वहीं, रायपुर की सड़कों पर एक ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसे देखकर शहर की जनता के पांव थम गए. महंगी- महंगी गाड़ियों में जाने वाले लोग भी इस नजारे को देखकर अपनी गाड़ियां रोक कर दंग रह गए.
दरअसल, यह नजारा था, एक बारात का. बारात आधुनिकता से बहुत दूर बेहद संजीदगी की और सादगी के साथ बैलगाड़ी से निकली.
बता दें कि लोकेश उर्फ लक्की ने अपनी बारात बैलगाड़ी से दुल्हनिया लेने निकले। इस दौरान बाराती भी छत्तीसगढ़ी वेशभूषा में नजर आए। जो आज राजधानी में चर्चा का विषय रहा।
पूरी तरह से महंगी- महंगी गाड़ियों के बजाय बैलगाड़ी से रवाना हुई. अनोखी बारात बैलगाड़ियों के माध्यम से अपने गंतव्य तक पहुंची.
यह सभी बैलगाड़ियां शादी वाले घर के रिश्तेदारों और गांव खेड़े से मंगाई गई थी. जिन्हें काफी साज सज्जा के साथ सजाया गया. उनमें लोगों को बिठाया गया. इस दौरान इस गाड़ी में लोगों के अलावा बच्चे भी बैठे हुए थे. जो की पहली बार बैलगाड़ी में बैठ रहे थे और बेहद खुश थे.